Monday, October 27, 2008

शब्द कम हैं

चाहता हूँ कुछ कहूं तुमसे
पर शब्द कम हैं ।
आंखों की पलकें झुकीं हैं
और नम हैं ।
बार कितने ही हुलस कर
तुझको पुकारा।
रोम कहतें हैं,
बताओ दोष हमारा।
क्या सजा है ये मुझको,
या है नाज तेरा,
ले लो अपने आगोश में
प्यार आज मेरा।
फिर से तुझको आज
एक छोटी कसम है।
चाहता हूँ कुछ कहूं तुमसे पर शब्द कम हैं।

दिल की बातें