Sunday, December 12, 2010

तुम मंदिर की नींव रख लो
तुम नींव मंदिर की,
हम मस्जिद की बुनियाद रख लें.
तुम नमाज से,
हम आरती से ऊपर वाले तक फ़रियाद रख लें.
अमन और शांति के,
मायने तो एक ही है,
चाहे तुम उर्दू की,
हम हिंदी की जुबान रख लें.
न तुमने देखा खुदा को,
न हमने भगवान देखा.
फिर क्यों नहीं,
मंदिर - मस्जिद का नाम मकान रखा दें .
ये सारी बातें सिर्फ मानने की हैं,
तुम अपने पास गीता, हम कुरआन रखा लें.
हमें पैदा करने वाला तो एक ही है,
तुम उसका नाम अल्लाह,
हम भगवान रख लें.